G-358772730 Pravinbambe.com (Web): As-A- Man Thinketh/(मनुष्य जैसा सोंचता है!)

December 17, 2022

As-A- Man Thinketh/(मनुष्य जैसा सोंचता है!)

As A Man Thinketh / मनुष्य जैसा सोंचता है।



*इस पुस्तक में बताया गया है कि आप अपने विचारों को बदलकर:
अपनी तकदीर कैसे बदल सकते हैं
अपनी परिस्थितियों को कैसे बेहतर बना सकते हैं
अपनी सेहत कैसे सुधार सकते हैं
अपने लक्ष्य तक कैसे पहुँच सकते हैं
सुख-शांति कैसे पा सकते हैं।
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"शक्ति - बुद्धि - प्रेम" के जरिए आप जो चाहें वह कर पा सकते हैं।"
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ये बताती है किस तरह हम अपनी बिचार रूपी यन्त्र का उपयोग कर सकते हैं |
हम वास्तव में वही हैं जो हम सोचतें हैं |
 हमारा चरित्र हमारे विचारों का फल है |
आप अपने भाग्य के निर्माता हैं |
ये नियम परमसत्य हे जो खोजेंगें उन्हें मिलेगा |
जो दस्तक देगें उसके लिए दरवाजे खुलेंगें |
क्योंकि धेर्य, अभ्यास और निरंतर प्रयास के माध्यम से हि ज्ञान के मंदिर में दाखिल हो सकते हैं |
हमारे विचार हि हमारे कर्म निर्धारित करती है |
हमारे कर्म हमारे कर्म से हि हमारे चरित्र बनतें हैं और चरित्र से बनता है पूरा जीवन |


As A Man Thinketh 

हर इंसान के मन में अच्छे और बुरे बिचार दोनों ही रहते हैं | और इंसान खुद को वही बनाता है जिस विचार को वो ज्यादा पनप्ने देता है |

कैसे सपने हैं आपके ?
क्या सुख सुबिधा चाहतें हैं आप ?
क्या लक्ष्य है आपका ?
कैसे हालात में हैं आप ?

ये सब कोई और नहीं आपके बिचार हि आपके लिए बनाए हैं | बिचार हि मन को दिशा देता और मन जीवन को |

लेखक कहतें हैं :
अपने विचारों पर नजर रखिए क्योंकि विचार ही आपके शब्द बनते हैं !
अपने शब्दों पर नजर रखिए क्योंकि शब्द ही आपके कार्य बनते हैं !
अपने कार्यों पर नजर रखें क्योंकि कार्यों से ही आपकी आदतें बनती हैं !
अपनी आदतों पर नजर रखिए क्योंकि आदतों से आपका चरित्र बनता है !
अपने चरित्र पर नजर रखिए क्योंकि चरित्र से ही आपकी किस्मत बनती है !

1) विचार और चरित्र (Thoughts and Characters):

क्या ऐसा हुआ है कभी की हम करेले का बिज लगायें, और उससे आम का फल मिला हो ? नहीं ना |
उसी तरह जैसे विचार आप रखते हो उसी तरह के इंसान आप बन जाते हो | विचार एक बिज की तरह है और उससे किआ गया काम हमारा चरित्र बनाता है | गलत विचार गलत काम करवा है और फिर हमारे हालात बुरे बन जाते है | अच्छी सोच हमे अच्छा काम करवाता है जिससे फिर हम अपने जीवन में खुसी और सफलता को आकर्षित करते हैं |

“मन में निहीत बिचार ने हमे बनाया है, हम जो भी हैं अपने बिचारों द्वारा गढे और निर्मित किये गयें हैं | अगर इंसान के मन में गलत बिचार है तो उसके पास दुःख ऐसे आता है जैसे बैल के पीछे पहिया |” “उसी तरह अगर मन में अच्छे और पवित्र विचार हैं तो निशचय हि पसन्नता उसका पीछा ऐसे करती है जैसे धुप में परछाई|”

मन में गलत विचार को बार-बार लाने से उसके काम भी गलत होने लगते हैं और वो धीरे धीरे जानवर से भी बत्तर बन जाता है | पर अगर इंसान मन को अच्छे विचार रखे तो उसके कर्म भी अच्छे होते हैं |इसीलिए कहा जाता इंसान खुद अपने चरित्र का निर्माता है | और अपनी किस्मत और खुशाली का खुद ही जिम्मेदार है |

कड़ी मेहनत और खदानों की गहरी खुदाई से जैसे सोना और हीरा पाए जातें हैं, उसी तरह इंसान अपने मन की गहराई में जाकर अपने बिचारों पर नजर रखें | उन्हें अपनी समझ और सुझबुझ से नियंत्रित करें तो वो खुद में अच्छे बदलाब ला सकता है | खुद की गहन अध्यन से हम अपने विचार में सुधार ला सकतें हैं और अपने चरित्र (character) को बेहतर बना सकते हैं |


2) परिस्थितियाँ पर विचारों का प्रभाव (Effects of Thoughts on Circumstances) :
हम अपने बिचारों से अपनी परिस्तिथि को बनाते हैं | हमे वही मिलता है जो हम हैं | ये सबके लिए लागु है चाहे वो अपनी परिस्तिथि से खुस हैं या अपनी परिस्तिथि से असंतुस्ट हैं | प्रकुति हमें वही देती जो हम हैं | बहोत से लोग किस्मत को दोस देते हैं | पर वो अपने बिचारों को नहीं देखते की वो जहाँ हैं वहाँ कैसे आये और कैसे उस हालात को सुधारा जाये ?

जैसे की एक इंसान कम आमदनी से परेसान है पर वो ज्यादा मेहनत नहीं करना चाहता | न वो वो खुदको काम में बेहतर बनाना चाहता है | तो इसका अंजाम होगा की वो हमेसा गरीब रहेगा | उसी तरह एक बहोत हि अमीर आदमी है पर वो बहोत बीमार रहता है | अपनी बीमारी को दूर करने के लिए करोड़ों खर्च करने के लिए तय्यार है |पर वो अपने खाने का प्यार को नहीं छोड़ना चाहता | चाहे उसका पेट भरा हो फिर भी वो खता जाता है | जो उसके लिए अच्छा नहीं वो खाना भी वो खता है | तो इन्सका परिणाम क्या होगा ?
                वो हमेसा बीमार ही रहेगा |

इंसान अपनी भाग्य खुद बनाता है | जो सुधार लाने है उसे ना करके किस्मत को दोष देने से कुछ नहीं मिलेगा | अपने हालात को देखें और सोचें की इसकी वजह क्या है | और उसको सुधारने की जिम्मेदारी लें | “जैसे बिचार हम रखतें हैं उसी तरह के कर्म हम करतें हैं ,और उसी से हमारी परिस्तिथि बनती है |”

3) स्वास्थ्य और शरीर पर विचार का प्रभाव (Effect of Thought on Health and the Body):
“स्वच्छ बिचारों से स्वच्छ आदतें बनती हैं और इस्से बनती है एक सुखद जीवन |”

° शरीर मन का सेबक है | जैसे बिचार हम मन में रखेंगें वैसे ही शरीर प्रतिक्रिया देगा | नकारात्मक बिचार, डर, चिंता इंसान का मनोबल तोड़ देता है | उसे अंदर से खोकला कर देता है जिससे फिर उसके लिए बिमारियों का द्वार खुल जाता है | उसी तरह मन में अगर अच्छे और सकारात्मक बिचार हो, तो शरीर में नयी जान आ जाती है | क्योंकि ये शरीर को अंदर से heal करता है, जिससे फिर बीमारी दूर रहती है | और ये आपको एक लम्बी और स्वस्थ जीवन जीने में मदद करता है |

• अगर अपने शरीर को नया जीवन देना चाहतें हैं तो, अपने बिचारों को अच्छा बनाईये | मन में इर्षा, द्वेष , निराशा आदि बिचारों को छोड़ दीजिये क्योंकि ये सब बिचार से हि चेहरे की रौनक चली जाती है | और आप खुद ही अपनी कबर खोद रहे हैं |नकारत्मक विचारों को प्यार, सहानुभूति और ज्ञान आदि बातों से बदल डालिए | जिससे आप अंदर से अच्छा महसूस करेंगे और वो आपके चेहरे पर अलग ही तेज़ और चमक लाएगा |

• कई लोग ऐसे होते हैं जो बूढ़े हो जाने पर भी उनके चेरे पर अलग ही नूर होता है | क्योंकि उनका नजरिया जीवन के प्रति अच्छा होता है | वो हर स्तिथि में कुछ न कुछ अच्छाई ढूंड लेते हैं, और खुस रहते हैं | पर कुछ लोग अपनी उम्र से भी ज्यादा बूढ़े और खराफ दीखते हैं | क्योंकि वो अपने मन को द्वेष, इर्षा और क्रोध आदि विचारों से भरे होते हैं | इसीलिए बेहतर स्वास्थ के लिए अपने मन को अच्छी विचारों से पोषित कीजिये | जिससे फिर आप लम्बा, खुशहाल और स्वस्थ जीवन का लाभ उठा पायेंगे |


4) विचार और उद्देश्य (Thought and Purpose)
बीना किसी उद्देश्य का जीवन ऐसा है जैसे पानी में तयरती हुयी लड़की | जिसकी कोई दिशा नहीं होती और वो पानी के बहाव में बहती रहती है | वैसे ही जब हमे अपना उद्देश्य पता नहीं होता है, तब हम डर, चिंता और निराशा जैसे विचार आते हैं | जिससे फिर दुःख, मजबूर और असफल आदि विचार के सीकार बन जातें हैं | इसीलिए अपने जीवन को एक उद्देश्य से जोड़ें | तभी आपके विचार उस उद्देश्य से जुड़ जायेंगे और उसे पाने में जुट जायेंगें | तब आपका जीवन उस नाव की तरह बन जायेगा जिसे अपनी मंजिल पता है और वो सारे तुफानो को झेल कर वहां बढ़ता रहेगा |

• जब आप अपने मकसद को जानते हैं, तो बेकार की कल्पना और भ्रम आपको परेसान नहीं करती | आपको हिम्मत मिलती अपनी परेसानी का सामना करने के लिए | इसीलिए अपने लक्ष्य पे ध्यान दीजिये जिससे फिर आपका self control बढेगा | और जब आप हर परेसानी से निकल कर अपना लक्ष्य हासिल कर लोगे तो आपका चरित्र और भी ज्यादा मज़बूत हो जाएगा |

• जो भी आपका उद्देश्य है, अपने विचारों को उससे जोड़ दीजिये | ये फिर अपना रास्ता उसे पाने के लिए लगा देंगे | खुदको डर और भ्रम में रहने मत दीजिये | डर और भ्रम से आपको कुछ हासिल नहीं होगा | अपना पूरा ध्यान अपने लक्ष्य पे लगा दीजिये और आगे बढ़ते जाईये |

5) उपलब्धि में विचार-कारक (The Thought-Factor in Achievement)
     कोई भी उपलब्धि बिना बलिदान या sacrifice के नहीं आती है | बड़ी सफलता बड़े त्याग से मिलती है और छोटी कामयाबी छोटी त्याग से | अगर आप भौतिक और आध्यात्मिक तोर पे सफल हो भी जाये उसके बाद भी आपको अपने बिचारों को सुध और अच्छे रखने होंगे |
लोग जब अपने लक्ष्य पर काम करना सुरु करते हैं, तब कई तरह के विचार उनका ध्यान भटकातें हैं | असली परीक्षा तभी आती और तब आप अपने गलत विचारों को संभाल सकें |

• आपका लक्ष्य है आमिर बनना पर आपके मन में ये संका है आप आमिर नहीं बन सकते या सफल नहीं हो सकते |
तो आप जितनी भी कोशिस करलें आप सफल नहीं हो पाओगे | क्योंकि आप चाहते कुछ हो और आपके विचार कुछ और हैं | हमारे विचार ही हमारे कर्म को दिशा देती है और उन चीजों को हमारे और लाती है जो हम चाहते हैं | इसीलिए अपने विचार को स्पष्ट रखें, हर वो गलत विचार को मन से निकाल दें जो आपका मनोबल को कमजोर करती | तभी आप जो भी चीजें पाना चाहतें हैं वो सब आप हासिल कर पाएंगे |

• एक कमजोर इंसान की एक शक्तिशाली इंसान तब तक मदद नहीं कर सकता जब तक वो मदद लेना ना चाहे | मतलब जब तक वो खुद को कमजोर समझता रहेगा तब तक वो कुछ भी करना नहीं चाहेगा खुदको शक्तिशाली बनाने के लिए | तो ऐसे में कोई उसकी कैसे मदद कर पायेगा | अगर कोई आमिर बनना चाहता है पर उसका विचार बार बार गरीबी और कडकी की तरफ जाता है | तब वो कभी आगे बढ़ने का सोचेगा भी नहीं क्योंकि वो हमेसा अपनी बुरी स्तिथि के बारे में सोचता रहेगा और आमिर बनने के रास्ते के बारे में उतना सोचेगा नहीं |

इसीलिए अपने विचारों को सही दिशा दीजिये, और उन विचारों को निकाल फेकिये जो आपको राह भटकती है | मुशकीलें आयेगीं लक्ष्य की और जाने में | जितना बड़ा लक्ष्य उतनी ही समस्या आती है | क्योंकि कोई भी उपलब्धि के लिए हमसे जीवन कुछ त्याग और मेहनत मांगती है |तो वो देना तो पड़ेगा | पर जो चाहिए वो हासिल जरुर होता है |

6) दर्शन और विचार (Visions and Ideas)
इस दुनियां का कोई बड़ा achievement सुरु हुआ था किसी के सपने से हि | जाहे वो चाँद पे जाना हो या बिजली की खोज करके दुनिया को रोशन करना हो | कोई भी चीज real बन्नने से पहले वो सपने में create होती है | एक समय में हमारे freedom fighter का भी सपना था हमारा देश को आजाद करने का | और उसीकी के वजह से आज हम आज़ादी की साँस ले रहें हें |इसीलिए अपना dream, अपना vision हमेसा अपने मन में जिन्दा रखें | तभी हम उसको पाने के लिए सही काम कर पायेंगें और, उसे पाने की Opprtunity को ढूंड कर एक दिन वो सपना पूरा करेगें |

Dreamers save the world !” “Your vision and ideal are the most precious things you have !

कई साल पहले लोगों ने ये सोचा भी ना था की इंसान हवा में उड़ पायेगा | पर आज ये हकीक़त है | जितने सुबिधायें आज हमे मिल रही वो कभी किसीकी कलपना ही थी | इसीलिए अपने मन अपने सपने को पनप्ने दीजिये | एक अंडे में एक ख़ूबसूरत चिड़िया छुपी होती है | एक छोटी सी बिज में एक बड़ा पेड़ छुपा होता है | वैसे ही हमारे सपने ही तो हमारे सच का बिज है | जो भी आपकी इच्छा है वो सच होगा | बस अपने सपने को धुन्दला मत होने दीजिये |

7) शांति (Serenity)
मन की शांति ज्ञान और आत्मनियंत्रण से आती है | एक शांत इंसान जानता है हर चीज के पीछे कोई ना कोई कारण होता है | इसिलिए वो गुस्सा करना या चिंता करना छोड़ देता | हालात चाहे कुछ भी हो वो शांत रहता है | वो दूसरों के साथ सही व्यवहार करना जानता है | इसीलिए लोग भी उसे पसंद करते हैं और सम्मान देते हैं |

एक इंसान जितना शांत और समझदार होगा उसकी सफलता, उसकी शक्ति उतनी बढ़ेगी और लोगों पर उसका असर ज्यादा होगा | क्योंकि शांत इंसान खुद को संभालना जनता है और दूसरों से अच्छा व्यवहार करता है | जिससे फिर लोग उससे बात करना और काम करना पसंद करते हैं |

# शांति ही शक्ति है, आत्मनियंत्रण ताकत है और सही विचार असली जीत है जो इंसान को जीवन में महारथी बना सकता है |

*Conclusion (सारांश):- 
“As A Man Thinketh” पुष्तक का यही मुख्य सन्देश है की हमारे बिचार हि हमारे पुरे जीवन को बनाती है |
अपने बिचार को शुद्ध करें, उसे एक उद्धेस्य से जोडें |
मन में भय, चिंता जैसी नकारत्मक बिचारों को न आने दें, ये बन्दुक की गोली से भी ज्यादा खतरनाक होती है जो हजारों लोगों की जान की दुशमन बनी हुयी है |

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