**"दुनिया काम की मीत"// The world is a friend of work
इसमें मुख्य रूप से काम (work), ऊर्जा (energy), और इनके महत्व को समझाया गया है। नीचे विस्तार से जानकारी दी गई है[1]:
### परिचय और विषय
लेख के आरंभ में यह बताया गया है कि जब तक किसी व्यक्ति, जानवर या पक्षी के पास काम करने की योग्यता है, तब तक समाज उसका सम्मान करता है। यदि कोई व्यक्ति निठल्ला या काम न करने वाला हो जाए, तो समाज उसे अस्वीकार कर देता है और उसकी उपयोगिता समाप्त हो जाती है।
### 'दुनिया काम की मीत' का अर्थ
लेखक ने यहां 'दुनिया काम की मीत' को नेगेटिव अर्थ में बताया है। इसका मतलब है कि जो व्यक्ति काम नहीं करता, उसकी समाज में कोई जगह नहीं होती। इसका मुख्य कारण है कि प्रकृति और जीवन दोनों काम को ही प्राथमिकता देते हैं।
### ऊर्जा और विज्ञान
- ऊर्जा (Energy) विज्ञान के अनुसार प्रकृति की मूलभूत शक्ति है जो गति, तापमान, उष्मा आदि सभी वस्तुओं की उत्पत्ति और उनकी चाल में सहायक है।
- ऊर्जा ही काम (Work) का कारण है और हर जगह ऊर्जा कार्य करती है।
- ऊर्जा की शक्ति ही 'Power' कहलाती है, और इस Power से ही कार्य (Work) होता है।
- हर वस्तु, परिवर्तन, निर्माण आदि हर जगह ऊर्जा प्रमुख रूप से कार्य कर रही है।
- लेखक ने कहा है, "Everything is made of energy" – अर्थात हर चीज़ में ऊर्जा है और वही सब कुछ कर रही है।
### निचोड़ / मुख्य संदेश
लेखक का मुख्य संदेश है:
**काम ही जीवन है।**
काम से ही प्रकृति और समाज चलता है। जो काम करता है उसकी समाज में स्वीकार्यता है।
### प्रेरणा और सीख
लेखक ने अंत में संदेश दिया है कि
- जो व्यक्ति अपने स्वार्थ पर नियंत्रण रखकर धर्मपूर्वक सभी का भला करता है, काम करता है, वही जीवन में स्वर्ग का अनुभव कर सकता है।
- निष्क्रियता (काम न करना) मृत्यु के समान है।
- इसलिए सच्ची संतुष्टि, अभिवृद्धि और सम्मान केवल काम से ही मिलता है।
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इस प्रकार, यह लेख मेहनत, ऊर्जा, और सृष्टि के मूल सिद्धांतों के महत्व को रेखांकित करता है – कि काम ही जीवन है और काम के बिना व्यक्ति मर जाता है या किसी काम का नहीं रहता[1]।

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