माता-पिता अपने बच्चों को जरूर सिखाएं (Good Touch & Bed Touch) गुड टच और बैड टच में अंतर, जानें इसके आसान तरीके
बच्चों को 3-4 साल की उम्र से ही बैड टच और गुड टच के बारे में जरूर बताना चाहिए।
अच्छा स्पर्श (Good Touch) - अगर कोई आपको Touch करे और उससे आपको अच्छा लगे तो ये गुड टच होता है.
बुरा स्पर्श (Bad Touch) - जब कोई आपको इस तरह से Touch करे कि आपको उससे बुरा लगे तो ये बैड टच होता है. अगर कोई अनजान व्यक्ति प्राइवेट पार्ट्स गलत तरीके से छूने की कोशिश करे तो यह बैड टच होता है.
● बच्चों को Good Touch and Bad Touch के बारे में कैसे सतर्क करे?
• बच्चों को बताएं कि वो आपके साथ सब-कुछ शेयर कर सकते हैं
बच्चे के बदलते व्यवहार के बारे में आपको जानकारी रखनी चाहिए.
ऐसे में छोटी उम्र में ही बच्चों के साथ विश्वास का रिश्ता कायम करना बेहद जरूरी हो जाता है. बच्चों और माता-पिता में प्यार और भरोसेमंद बंधन बनाना आवश्यक है. जहां बच्चे बिना डर के आपको कुछ भी बता सकते हैं. बच्चों के साथ ऐसा व्यवहार रखे कि वह आप से हर बात शेयर करें. अगर उसने कुछ गलत भी हो जाए तो वह भी बता दे.
• बच्चों को उनकी शारीरिक संरचना के बारे में बताएं
हम अपने बच्चों को ये समझा सकते हैं कि हमारे शरीर में कुछ अंग ऐसे होते हैं जो सब को दिखते हैं परंतु कुछ अंग ऐसे होते हैं जिन्हें सिर्फ और सिर्फ हम देख या छू सकते हैं. उन्हें हम प्राइवेट पार्ट्स कहते हैं. बच्चों को बताएं कि उनके प्राइवेट पार्ट्स कौन से हैं, और बच्चों को ये बताएं कि शरीर के इन हिस्सों को किसी को न छूने दें.
• बच्चों को अपने शरीर का मालिक बनने दें
जब बच्चे 3–4 साल के हो जाए तो उन्हें समझाये कि उनके शरीर पर केवल उनका ही अधिकार है. अगर किसी के द्वारा उनके शरीर को छूना अच्छा न लगे तो उसका कड़ा विरोध करें और ऐसी बाते आपको आकर जरुर बताएं.
• बच्चों को ना कहना सिखाएं-
बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ाना सबसे ज़रूरी है और बच्चों के मन से डर दूर करें और उन्हें ना कहना सिखाएं. अगर उन्हें कोई गलत तरीके से छूने की कोशिश करे तो वे प्रताड़ित करने वाले से डरे नहीं बल्कि उन्हें ऐसा न करने के लिए बोलें. प्रताड़ित करने वाले से बचने के लिए शोर मचाने तरकीब बच्चों को सिखाएं ताकि आसपास के लोग उसकी चीख सुनकर उसके मदद को आ सके.
• बच्चों के व्यवहार पर नजर रखें-
बच्चों के साथ जब भी कुछ गलत होता है तो उनके व्यहार में परिवर्तन देखने को मिलता है. ऐसे में उसके मन को पढने की कोशिश करें और उनसे खुलकर बात करे. बच्चे को खुलकर इस बारे में बात कर बताएं कि आपको लिए यह अच्छा है और यह आपके लिए बुरा है.
• लड़के-लड़कियों दोनों को सिखाएं
कई बार हमें लगता है कि लड़कियों को ही बस गुड टच और बैड टच बताने की जरूरत है। अगर आप भी ऐसा सोचते है, तो आपको बिल्कुल गलत है। आपको अपने दोनों बच्चे को चाहे वह लड़का हो या लड़की उन्हें गुड या बैड टच के बारे में बताना चाहिए।
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